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डीम्ड कन्वेयन्स महाराष्ट्र स्वामित्व फ्लैट्स (निर्माण, बिक्री, प्रबंधन और हस्तांतरण के संवर्धन का विनियमन) अधिनियम, 1963 की धारा 11 की उप-धारा (3) के तहत एक संशोधन है।
डीम्ड कन्वेयन्स संशोधन का सार इस प्रकार है।
डीम्ड कन्वेयन्स संशोधन उन सोसायटियों पर लागू होता है, जिन्हें उनके गठन के 4 महीने के भीतर भूमि मालिकों और संपत्ति डेवलपर्स से कन्वेयन्स प्राप्त नहीं हुआ है।
पीड़ित सोसायटी महाराष्ट्र सरकार द्वारा नामित सक्षम प्राधिकारी को डीम्ड कन्वेयन्स आवेदन प्रस्तुत करेगी।
सोसायटी के डीम्ड कन्वेयन्स आवेदन में डीम्ड कन्वेयन्स के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा अधिसूचित दस्तावेज शामिल होंगे।
सक्षम प्राधिकारी भूमि मालिकों और संपत्ति डेवलपर्स की बात सुनेंगे।
सक्षम प्राधिकारी संतुष्टि के आधार पर पीड़ित सोसायटी के पक्ष में डीम्ड कन्वेयन्स आदेश एवं प्रमाण-पत्र जारी करेगा।
सक्षम प्राधिकारी, व्यथित सोसायटी के साथ चूककर्ता भूमि मालिकों और संपत्ति डेवलपर्स की ओर से डीम्ड कन्वेयन्स डीड निष्पादित करेगा।